डाo नित्यानन्दक डायरी सं
डाo नित्यानन्द लाल दास, भूo पूo विश्वविद्यालय प्राचार्य एवं अध्यक्ष अंग्रेजी विभाग, फारबि्सगंज कॉलेज
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पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के अप्पन पिता के संग चित्र देखबैत नित्यानंद लाल दासक पुत्री और दमाद |
डाo ए पी जे अब्दुल कलाम 1954-57 में चेन्नई क मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढैत छलाह l घटना प्रायः दिसंबर 1955 के होयत l ताहि दिने ओ द्वितीय वर्ष क छात्र छलाह l छुट्टी में हुनक सब सहपाठी गण गाम चल गेल छलाह l ओ आगामी परीक्षा क लेल एवं विषयक नीक तैयारी क लेल छात्रावासे में रहि गेल छलाह l ओहि काल हुनका बहनोई अहमद ज़माल सं एकटा ट्रंक कॉल भेटलनि l रामेश्वरम में भयंकर चक्रवात सं तबाही मचल छल आ हुनक माता पिता हुनका सं शीघ्रे भेंट मंगने छलखिन्ह l ओ तत्काले रामेश्वरम जाय अपन माता पिता आ घर द्वार के देखबाक लेल व्यग्र भ गेलाह l
महीना क अंत छल आ हाथ एकदम खाली छलनि l घर सं टाका मंगयबाक समय सेहो नहिं छलनि l ओ सोच में पड़ि गेलाह 'जे कोन उपाय करी जे यात्रा क पैसा क जोगाड़ होए' l ओहि काल में हुनका लग एके गोट संपत्ति उपलब्ध छलनि l ओ छल एम आई टी क गोवर्निंग काउन्सिल क चेयरमैन डाo लक्ष्मण स्वामी मुद्दालियार द्वारा हुनका द्वितीय वर्ष में एयरोडायनामिक्स विषय में उत्कृष्ट अंक क लेल पुरस्कार स्वरुप प्राप्त पुस्तक l टीमोंशेंको ओ गुडियर द्वारा लिखित 'दी थीयोरी ऑफ इलास्टिसिटी' क मूल्य ताहि दिने 400 टाका छल l जे पोथी हुनका पुरस्कार स्वरूप भेंटल छलनि तकरा बिक्री करबाक निर्णय बड्ड कठिन छलनि l मुदा गाम जयबाक लेल हुनका कम स कम साठि टाका क नितांत आवश्यकता छलनि l ओ इलेक्ट्रिक ट्रेन पकड़ि क्रोमपेट स मूर मार्केट गेलाह जे सेंट्रल स्टेशन क निकट छल l ताहि दिने मूर मार्केट एहन जगह छल जतय नव पुरान किताब मोनासिब दाम पर कीनल जा सकैत छल l पूर्व में ओ 'लाइट फ्रॉम मेनी लैम्पस' मात्र बीस टाका में कीनने छलाह जे हुनक जीवन क मार्गदर्शक बनल छल l जाहि ग्रंथालय स ओ किताब कीनने छलाह ओकर मालिक संस्कारी ब्राह्मण छल l ओ ओकरा लग गेलाह आ अपन समस्या स अवगत करौलनि l ओ पोथी देखयबाक आग्रह क संग जिज्ञासा कयलनि जे हुनका कतबा टाका क खगता छनि l ओ कहलैनि जे हुनका गाम जयबाक लेल कम स कम साठि टाका चाही यद्यपि हुनका भेलनि जे ओ कम सेहो द सकैत छथि l
ओ पोथी देखलनि, खोललनि आ पहिल पृष्ठ पढ़िक' ई जनलनि जे ओ हुनका तात्कालीन मद्रास विश्वविद्यालय क कुलपति प्रोo लक्ष्मण स्वामी मुद्दालियार द्वारा प्राप्त प्रथम पुरस्कार छल l ओ तत्क्षण कहलनि जे ओ पोथी नहिं कीनि सकैत छथि, कलाम व्याकुल भ गेलाह जे हुनका टाका नहिं भेटि सकतैनि l मुदा ओ कहलैनि जे ई पोथी प्रोo लक्ष्मण स्वामी मुद्दालियार द्वारा प्रदत्त अछि तंय आहाँ के साठि टाका भेटि जायत l आ ओ ता धरि पोथी के जोगा क रखताह जा धरि ओ वापस आबि साठि टाका घुरता नहिं करताह l ओ प्रसन्न छलाह जे एकटा नीक लोक मोस्किल काल में हुनका मदति क' रहल छथिन आ ओ हुनक पोथी पढ़बाक रूचि के बुझेत छथि l
कलाम टाका लय रामेश्वरम पंहुचलाह l प्राकृतिक विनाश लीला देखलनि मुदा हुनक मोन त पोथी वापस लेबा पर टांगल रहलनि l रामेश्वरम सं घुरला उत्तर ओ मूर मार्केट गेलाह टाका घुराय ओहि सज्जन विक्रेता सं करारक मोताबिक पोथी वापस लेलनि l
ओकर बाद हुनका ओहि तरहक प्रसन्नता भेटलनि जाहि तरहक प्रसन्नता कोनो माय के किछु काल क पश्चात् अपन हेरायल नेना के भेटलाक बाद भेटैत छैक l पोथी सदिखन ज्ञान दैत छैक मुदा कौखन आपातकाल में ओ संपत्तियो बनि जायत अछि l
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प्रस्तुति- रवि कुमार
प्रतिक्रिया ईमेल सँ देल जाओ- editorbejodindia@yahoo.com
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डॉ. नित्यानंद लाल दास |
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नित्यानंद लाल दास अप्पन पत्नी, पुत्री आ दमाद के संग |
एहन जनतब के लेल हार्दिक आभार व्यक्त के रहल छी।हमर सौभाग्य जे हम अपन कार्यक्रम मे संग मंच पर रहि।अद्भुत आनंद भेल ई पढ़ी क।Dr Kalam हमर आदर्स छथि।हुनकर ई पक्ष जानि मोन मे एकटा आंतरिक अनुभूति भेल।धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आलेख,दुनु महान आत्मा के सादर नमन
ReplyDeleteवाह,बहुत नीक प्रस्तुति.
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