Friday 15 November 2019

*युवा-प्रतिभा* पुछथि बौवा की भेलौ रौ / कवि - विजय बाबू

कविता

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कतेक परती बीघा देखलौं
आरिये- आरि अपने देखलौं
गेलौं शहर जे हम पढ़य वास्ते
गिरैत पड़ैत बस बस्ते ढोलौं
नौकरी प्राइवटमे दिन-राति
घसीटति दिनक रौशनी नै पेलौं
गेल दुनियाँ देखते आँखि सँ दूर
आर अहाँ पूछलौं ई की भेलौ रौ?

उन्नति आनक देखि ऊहापोह मन
मँझदार सँ दूर एक राह पकड़लौं
पड़ाएलौं परदेश बेसी पढ़िक़S
सूद ककरो आब कहाँ लेलौं?
अपनत्व कक्का मामा भैया सभ
बिसरलौं आ पुछै छी - की भेलौ रौ?

पखवाड़ा भरि छुट्टीमे सोचि सभ
बिखरलके समेटब जे भेटल नै कियो
चौथाई दाम एसटीडी देर साँझमें
फ्री रहितो केकरो समय कहाँ पेलौं
चौगामा समाज चारि दिवारमें बस
आर बाबू,अहाँ पूछलौं की भेलौ रौ?
...

कवि - विजय बाबू
कविक ईमेल - vijaykumar.scorpio@gmail.com
प्रतिक्रियाक लेल ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com

Monday 11 November 2019

मैथिली लघु समाचार

1. ग्राम- खड़ौआ, मधुबनी मे कर्णगोष्ठीक महिला मंच' क स्थापना 

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गाम-घरक महिलागण अनेक प्रकारक कलाविद्या मे निपुण होइत छथि। हुनकर विद्या मे निखार आवै आ सामाजिक दायित्वक बोध होइ अहि लेल महिला विशेषक संस्था बड़ सहायक होय छैक।

मधुबनी जिलांतर्गत खड़ौआ गाम में मैथिल कर्णगोष्ठी महिला मंच क स्थाापना  कयल गेल। अहि मे खरोवा के पूर्व मुखिया कल्पना दास के एडमिन बनायल गेलेन्हि। अहि अवसर पर रीता देवी, सुनिता दास, चंदना दत्त , जया रानी, मंजू देवी,नबबली देवी भाग लेलीह। ज्ञात हो जे अही गाम सँ मैथिलीक प्रसिद्ध महाकवि लाल दास निकलल छलाह जे अनेक धार्मिक पुस्तकक रचना कयलन्हि।  ईहो ज्ञात हो जे सुनिता दास जे सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था कर्णगोष्ठी महिला ग्रुप के राष्ट्रीय प्रमुख छथि सेहो पं लाल दासक जयंती पर आयोजित कार्यक्रम मे कोलकाता सँ आयल छलीह।

ई जानकारी जया रानी आओर हुनकर पति सुनील कुमार दास सँ प्राप्त भेल।
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समाचार - बेजोड़ इंडिया ब्यूरो
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com




Sunday 10 November 2019

देवदूत- एक संसमरण / लेखिका - कंचन कंठ

ओ शीघ्र लेल निर्णय

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मनुख के सामाजिक प्राणी कहल गेल अछि, जे कि शत - प्रतिशत सांच अछि। समाज माने जे ककरो दुख - सुख में संग दै बला व्यक्ति क समूह - कहल जा सकैत छैक। कोनो व्यक्ति धनी वा निर्धन के असगरे गुजारा असंभव अछि। जीवन- यात्रा में  अनेक लोक  भेटैत अछि एक - दोसरा के काज अबैत अछि  किंतु किछु लोक एहेन होइत छथि जिनकर कर्ज लोक उतारय के सोचियो नहि सकत अछि।हमर ई कथा ओहि देवदूत के हमर कृतज्ञता ज्ञापन अछि।

हमर बरकी बेटी के एडमिशन इंजीनियरिंग में मुंबई में भेल छल। तखने संयोगवश हमर पतिदेव के सेहो ट्रांसफर मुंबई भ गेल। हम सभ पहिनो ओतय रहैत छलहुं, एकटा छोटछीन फ्लैट सेहो छल ओतय। त दू- तीन साल एमहर- ओमहर बऊयेला के बाद अपन घर में रहब के पुनः अवसर भेटला सं सभ बड्ड आनन्दित - मुदित रही। घरो मे तावत किछु नव साज-सज्जा करबा लेब, सामान ऐला सं पहिने से सोचलहुं।

निश्चय भेल कि ज्वॉइन केला के बाद दुनु छोटका बच्चा सभके स्कूल ट्रांसफर के बाद मुंबई शिफ्ट करी।ज्वाइनिंग के पंद्रह दिन के भीतर पूना सं सभ समटि कय तखन अगिला महीना शिफ्ट भ जाएब।सैह सोचि पतिदेव ज्वॉइन कय लेल आ हम दुनु बच्चा के अर्द्धवार्षिक परीक्षा के तैयारी कराबय में लागि गेलहुं।एक- दू दिन बाद हिनकर फोन आयल कि अगिला सप्ताह गणपति के छुट्टी रहत आ बच्चा सभ के छुट्टी सेहो अछि त अहां सब आऊ गणपति पूजा सेहो देख लेब आ घरो के बारे में आइडिया द देब। एहिना निश्चय भेल।

17 सितंबर 2012 ओहिना याद अछि हमरा। हम बच्चा सब के स्कूल पठा कय जल्दी - जल्दी काज खतम कय पैकिंग केलहुं। त माय के मोन त बुझले अछि। भेल कि ओह बरकी एते दिन सं होस्टल में अछि आ निज पावैन के दिन में जा रहल छी त कनी खजूर  पिरकिया बना कय नेने चली। त झटपट सब सरंजाम कय खजूर ठोकैत रही त हिनकर फोन आयल। हम पूर्ण आत्मविश्वास सँ हिनका कहलियैन "अहां कनिको चिन्ता जुनि करू हमरा किछु परेशानी नै होयत, हम बच्चा सभ संगे आबि जाएब।"आ हम आब पिरकिया के तरद्दुद में लागि गेलहुं।

किंतु कहबी छैक "मेरे मन कछु और है बिधना के कछु और।" बच्चा सभ आयल, ओकरा सभ के हाथ - मुंह धोया, खायलेल बैसेलहुं कि फोन बाजल। उठेलहुं त ओमहर सं हिनकर मित्र के आवाज छल कि "श्रीमान आई सी यू में छैथ, हुनका हार्ट अटैक ऐलैन्हया ।डाॅक्टर के अनुसार दू घंटा सं बेसी समय नहि अछि। एंजियोप्लास्टी करय परत। जल्दी बाजू की करबाक अछि।" हमरा काटू त खून नै! एखने त केहेन नीक बतियैल रही, कतेक प्लान बनने रही कि जीवन एतेक क्षणभंगुर अछि! आब हम की करू? कतय जाउ?  एहि परदेस मे के अछि हमर! तावते फोन सं फेर आवाज आयल "जल्दी बाजू की करब?"

हम कहुना हिम्मत समटलहुं ,नोर पोछलहुं आ जवाब देल "जे डाॅक्टर के नीक बुझाय,जाहि सौं हिनकर प्राण रक्षा होइन से करू। हम अहां के फुल ऑथॉरिटी दै छी।"ई कहि बच्चा सभ के समझा बुझा,पडोसी के स्थिति बता कय ओतय सं असगरे मुंबई चलि देलहुं। भरि रस्ता सभ देवी देवता के गोहराबैत नोरे- झोरे कहुना बाम्बे हास्पिटल पहुंचलहुं। तावत पतिदेव के सफल एंजियोप्लास्टी भ चुकल छल ओ खतरा सं बाहर किन्तु ऑबजर्वेशन मे छलैथ। हम सभ देवी देवता के हृदय सौं धन्यवाद देलहुं।

दोसर दिन जखन ऑफिस के स्टाफ सभ अयला तं हमरा ओहि इंसान क पता चलल जे हमरा लेल देवदूत बनि ठाढि भेला। ओ छलथि हिनकर सबोर्डिनेट "मि. बाघेला" - जे मात्र चार दिन सं  हिनका संग ऑफिस में कार्यरत छलाह। जखन टी ब्रेक मे तबीयत खराब होमय लगलैन्ह त इसारा सं ई बाघेला जी के बजेलाह त ओ हिनका दु - दु टा एसी चलैत पर घामे- पसीने देखिकय किछु अंदाज लगा लेलैनि। ओ झटपट हिनका लेल एकटा ऑफिशियल लेटर हास्पिटल के नामे तैयार कय बाम्बे हास्पिटल अनबाक निर्णय लेल । ई सबसं नजदीकी हास्पिटल छल।हुनकर ई निर्णय लाइफ सेवियर सिद्ध भेल, हिनकर कंडिशन में। तैं हुनक ई कृत्य ओ उपकार त हम ताउम्र नहि बिसरब। जे भेंट करय आबथि - डाॅक्टर सं ल क मित्र,परिचित - सभ हुनकर त्वरित निर्णय ,कार्य ओ अनुभव के भूरि - भूरि प्रशंसा करथि। हम त अनायास हुनका आगे नतमस्तक छी। ओ आब रिटायर्ड भ अनेकानेक सामाजिक कार्य  में एखनो संलिप्त छथि। ओ अहिना सभ दिन स्वस्थ ओ सानंद रहथु। रक्तदान के लेल हम हुनकहि सौं प्रेरित भेलहुं।  मि. बाघेला अपनेके हम कहियो नहि बिसरब।
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 आलेख:-कंचन कंठ
लेखिकाक ईमेल- kanchank1092@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com

Tuesday 5 November 2019

पंडित लालदास जयंती-सह-स्मृति पर्व समारोह, खड़ौआ, झंझारपुर मे मनाओल गेल

रमेश्वर चरित रामायण आओर मैथिली मे अन्य अनेक धार्मिक पुस्तक रचना कयलन्हि

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महाकवि पंडित लाल दास जयंती पूर्वनिर्धारित समय पर दिनांक 3/11/2019 केँ लाल दास उच्च विद्यालय खड़ौआ'क प्रांगण मे  मनावोल गेल

मिथिलांगन मे पँडित चूड़ामणि लाल दासजीक जन्म  मधुबनीक खड़ौआ गामक सुप्रसिद्ध परिवार मे फाल्गुण कृष्ण तृतीया रवि सन् 1856ई मे भेल छल। ई लालदास क नामे प्रसिद्ध भेलाह। हिनक पिता बचकन दासजी भक्त, धर्मात्मा छलाहमाता पिता साहित्यिक लोक छलाह। बालक चूड़ामणि दरवज्जे पर मौलवी सँ पढैत छलाह

कालाँतरमे दरभंगाक महाराज, महाराज रमेश्वर सिह भेलाह। हुनके सानिध्य मे हिनका बहुत रास तीर्थ जेबाक आ पुस्तकालयक पोथीक अध्ययन करबाक  अवसर प्राप्त भेलनि। अठारह गोट ग्रंथक रचना कयलनि  जाहिमे
मिथिला भाषा रमेश्वर चरित रामायण, सावित्री सत्यवान नाटक, स्त्री धर्म शिक्षा, हरितालिका व्रत कथा, सोमवारी कथा बहुत प्रसिद्ध अछि

अखनधरि पाँचगोट ग्रँथ अप्रकाशित अछि। महाराज रमेश्वर सिह हिनक ज्ञानसँ प्रभावित छलाह ,हिनका धौत सम्मान प्रदान कयने छलाह आ कायस्थर्षि कहि सम्बोधित करैत छलाह। 

काव्यकलाक सँग सँग लेखन कलामे कविवर केँ वेश विलक्षणता प्राप्त छलनि। तिरहुताक सँग देवनागरी लिपि
लिखबाक विलक्षण पँक्ति आकटगर वर्ण विन्यास क अवलोकन करैत छलाह।

देवचित्रक निर्माण अति सुन्दर कयलनि। कविवरक अँतिम रचना श्रीमद्भगवद्गीताक मैथिली पद्मानुवाद छलैन्ह।

मिथिला क अमर कथाकार, महाकवि लालदास अग्रहण तृतीया रवि, सन 1928, 65 वर्षक अवस्था मे चिरनिद्रा मे विलीन भ गेलाह

पँडित लाल दास +2, उच्च विद्यालय मे दस वर्ष सँ समस्त परिवारगण एवम् ग्रामीण मिलि पँडित लालदास जयँती सह स्मृति समारोह उत्सव मनबैत छथि। स्मारिकाक प्रकाशन होयत अछि। विशिष्ट विद्वान सबसँ हुनक कीर्ति सुनल जायत अछि। कवि गोष्ठी क आयोजन, मेधावी बालक ,बालिका के पँडित लालदास मेधा सम्मान सँ सम्मानित कयल जाए छन्हि।

नृत्य संध्याक आयोजन होयत अछि। हमर कथा सँग्रह# गँगा स्नान'क विमोचन एहि शुभ अवसर पर भेल छल 2012 मे दू वर्ष सँ विशिष्ट अतिथिक रूपमे कार्यक्रम मे सम्मानित एवम् सम्मिलित होयबाक अवसर भेटल अछि। ओहि महामनीषीक वँशवृक्षक पाँचम पीढीमे हम छी ई हमर सौभाग्य।
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आलेख - चंदना दत्त
लेखिका का ईमेल - duttchandana01@gmail.com
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