Monday 25 December 2017

बाजए चमार पासवान मुसलमान हमर मैथिली / कवि- भास्करानंद झा भास्कर


कवि - भास्करानंद झा भास्कर
कवि -भास्कर झा
कविक वेबसाइट- https://bhaskaranand-jha.blogspot.com/


प्रतिक्रियाक लेल ईमेल - hemantdas_2001@yahoo.com

Tuesday 12 December 2017

भास्करानन्द झा भास्करक मैथिली कविता - खरका बसंत

खरका- बसंत 
 मैथिली कविता- भास्करानन्द झा भास्कर


हमर गमकैत गाम
आ एकर स्थिति भौगोलिक
बड्ड विचित्र अछि

चारि जिलाक मध्य 

सींचल युग्मित गाम हमर
खींचल प्रकृतिक
सुन्नर रेखाचित्र अछि

---अहां कत' सं छी?
नहिं द' पबैत छी
एहि प्रश्नक उत्तर सटीक
कारण --
जिला अछि दरभंगा,
एक डेग पाछू
त' जिला सीतामढी
दु डेग़ आगू
त' मुजफ़्फ़रपुर
आ 
संसदीय क्षेत्र मधुबनी!
मुदा 
जनम धरती हमर 
बड्ड पावन पवित्र अछि 
दुश्मनो हमर मित्र अछि

श्यामा-चामुंडा-उच्चैठ-पुनौरा 
हमर शक्ति- चतुर्भुज 
ज्ञान -विज्ञान-शास्त्रक 
शास्वत अस्त्र शस्त्र अछि 
सुसंस्कृत हमर चरित्र अछि

चारि जिलाक मध्य 
सींचल नाम खरका- बसंत 
खींचल प्रकृतिक
सुन्नर रेखाचित्र अछि...

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कवि -भास्कर झा
कविक वेबसाइट- https://bhaskaranand-jha.blogspot.com/
प्रतिक्रियाक लेल ईमेल - hemantdas_2001@yahoo.com

Monday 4 December 2017

दिल्ली में भेल केकेएम'क पहिल सभा 3.12.2017 केँ

नोट: ओना त बिहारी धमाका ब्लॉग जाति प्रथाक पूर्णत: विरोधी अछि मुदा अखनहुँ एकर एक पघि समूह दहेज प्रथा सँ वास्तविक रूप सदूर रहैत छै, शिष्टाचार के अपन संस्कृति बूझैत अछि आ घोर शांतिवादि अछि. तेँ ई ब्लॉग हुनका अभिनंदन करैत अछि आ पूर्ण भारतीय समाज के अहि बात पर हिनका सभ सँ सीख लेबाक चाही.

"कर्ण कायस्थक दशा आ दिशा" पर भैरब लाल दास, शेफालिका वर्मा तथा अन्यक विचार



अहाँ अपन आइडिआ सोच आ संपर्क के जरूर ग्लोबल करू मुदा अपन पहचान ,अपन इतिहास आ अपन धरोहर के सेहो नहि बिसरू l आई सब क्यों चिंतित छी जे अपन संस्कृति ,अपन समाज ,अपन गाम ,अपन मूल आ अपन पंजी सब छूटल जा रहल अछि l कर्ण कायस्थक कर्णाटक स सम्बन्ध ,दहेज़ ,बत्तीसगामा आर कतेको एहि सब तरहक विषय के नीक जकाँ उठौलनि कर्ण कायस्थ महासभा अपन मंच पर l 

सारगर्भित संवाद ,तार्किक प्रेजेंटेशन आ चुरा दही के भोजन स शुरू भेल पहिल कर्ण कायस्थ महासभाक पहिल चर्चा सत्र l नीक नीक वक्ता लोकनि अपन अपन विचार रखलनि l " कर्ण कायस्थक दशा आ दिशा " ओना त ई विषय बड्ड ओझराइवला छल मुदा गोष्ठी बड्ड सौहार्दपूर्ण वातावरण में भेल l आयोजनक सूत्रधार छलाह बी के कर्ण ,पूरा कार्यक्रमक मंच सञ्चालन केलनि मानवर्द्धन कंठ मुदा सबहक आकर्षण रहलाह मुख्य वक्ता भैरव लाल दास जी आ शेफालिका जी , श्रोता लोकनि के विचार जे आगाँ और एहेन गोष्ठी होयबाक चाही l

अहि अवसर पर रविंद्र दास, संजू दास, विनीता मल्लिक, अभय दास तथा अन्य अनेक जानल पहचानल व्यक्तित्व उपस्थित रहैथि. 
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आलेख - रविन्द्र दास

चित्र - संजीव मिथिलांकर 









Saturday 2 December 2017

मैथिली साहित्यकार गिरीश चंद्र झाक निधन

हम सभ दिवंगत आत्माक शान्तिक लेल प्रार्थना करैत छी.
पटना, 2 दिसम्बर। मैथिली के आध्यात्मिक भाव के मनस्वी साहित्यकार गिरीश चन्द्र का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद सीडीए कॉलोनी स्थित आवास पर निधन हो गया। वे 68 वर्ष के थे तथा लंबे समय से कैंसर के रोगी थे। उनका इलाज मुम्बई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में चल रहा था। उनके परिवार में एक पुत्र, दो पुत्रियां तथा कई नाती पोते हैं। शनिवार को ही राजधानी के गुलाबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मैथिली के पत्र पत्रिकाओं तथा संपादकों के प्रिय लेखक गिरीश चंद्र ने साहित्यिक समीक्षाएं और वैचारिक निबंध खूब लिखे, जिसे बहुत सराहना मिली। उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं- चलैत रहू हे मोन, शिवनगर ग्राम कथा, मधुर विद्यापति भान, पूर्व जनम हम देखल साधो, आदि।

मधुबनी जिला के शिवनगर गांव निवासी गिरीश चंद्र ने लगभग 35 वर्षों तक महालेखाकार कार्यालय में नौकरी की तथा मैथिली साहित्य की एकांत सेवा करते रहे। उनके निधन पर साहित्यकार संस्कृतिकर्मी छत्रानंद सिंह झा, प्रेमलता मिश्र प्रेम, गणपति नाथ झा, विभूति आनंद, अशोक, कुमार गगन, किशोर केशव, अजित आज़ाद आदि ने गहरा शोक प्रकट किया है।

 *विशेष जानकारी के लिए संपर्क* *करें, विभूति आनंद* *79032 28695, 94722* *34496*
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(जानकारी का स्रोत - kishorejournalist-throuogh WhatsApp - 9431020170)