Friday 12 April 2019

अभय कुमार लाल दासक निधन दिल्लिये नहि सम्पूर्ण मिथिला समाजक महत्वपूर्ण क्षति (पुण्य तिथि - 10 अप्रील, 2019)

मिथिला मैथिलीक एकटा नेतृत्व देमय बला विचारक 




डॉ. शेफालिका वर्मा, साहित्य अकादमी  पुरस्कृत साहित्यकार, दिल्ली 10.4.2019
अपूरणीय क्षति मिथिलामैथिली लेल , 

कतय चलि गेलौं अभय जी 
मिथिलांगन सून भ गेल,,,


अवकाशप्राप्त के बाद जखन दिल्ली बसलौं , लागल छल मिथिला मैथिली सँ बड़ दूर भ गेलौं , अपन देसकोस सँ नितान्त दूर  2009 में दिल्ली आयल रहि ओहि काल द्वारका में मैथिली भोजपुरी अकादमी के कोनो प्रोग्राम जाहि में हमरा पटना सँ अनिल मिश्रा जी आ परिचय दास जी बजौने रहथि । अकादमी के नय बुझल छल जे हम स्थायी रूप से दिल्ली आबि गेल छी 

प्रथम परिचय अभय जी सँ ओहि ठाम भेल छल । ओना चर्च हमर बेटा राजीव वर्मा केने छलाह, हमर संगी अभय जी तोरा सँ भेंट करथुन,,। दिल्ली में मिथिलांगन के नाम सुनि हर्ष सँ भरि गेल छलौं। 
तकर बाद ते मन नय पड़ैत अछि हुनक कोनो प्रोग्राम में हम नय रही , हरदम हँसैत , सभक सहायता लेल तत्पर सदिखन , चेहरा कखनो मौलायल नय देखलौं ।

मुदा आय अहाँ नय रहलौं अभय जी ,,एतेक टाक धोखा ,,कोना देलौं सब के ,,मैथिलीक बड़का स्तम्भ धराशायी भ गेल ,,, अहाँ हृदय में बसल रहब अभय ,,,अहाँ कतहु नय गेल छी , सरिताक सांस सांस में बैसि गेल छी,,,,अपन दुनू बच्चाक ताकत बनि गेल छी ,,,

अविरल अश्रुधार माँ सहल नय जायत अछि । कोना अहाँक माँ बुझि ,, शरद नवरात्रा में वर्मा जी के ल गेलहुँ , आय चैती में अभय जी के ,,,, माँ एतेक हृदयहीन कोना भ सकै छी अहाँ ,,,कोना पूजा करी अहाँके ,,,कोना माँ ,,,,कियेक माँ ,,,,,,,,,अशेष नमन अहाँ के अन्तिम क्षण धरि बीमारी सँ लड़ैत रहलौं अभय अहाँ

रवीन्द्र दास, चित्रकार, दिल्ली 10.4.2019

आइ बहुत दुखद पोस्ट फेसबुक पर भेटल । पहिने त विश्वास नहि भेल जे सदिखन मुस्कुराहट वला चेहरा आ सबके प्रेरित करयबला अभय जी हमरा सबहक बीच नै रहलाह ।

पोस्ट शेफालिका जी केने छलीह तेकर बाद मिथिलांगनक वाटसप ग्रूप मे पूरा मिथिलांगन परिवार के दुखद संदेश पढि क मोन विचलित भय गेल । सांझ मे आलोक जी के फोन आयल छल जे मुम्बई लोकल ट्रेन मे हम नहि सुनि सकलहुँ जखन कि भोरे योगेंद्र मल्लिक जी स अभय के संबंध मे गप्प भेल छल हम हुनका कहलियन्हि नै यौ अभय जी हार मानय बला लोक नहि छथि भगवान एहेन लोक के जरूर साथ दैत छथीन । दिल्ली महानगर मे मिथिला मैथिलीक एकटा नेतृत्व देमय बला विचारक आ सदिखन अपन टीम के पाछू ठाढ रहयबला अभिभावक के कमी आब के पूरा करत ....जहिया इ फोटो हम खिचने रही तहिया हमरा लोकनि हुनकर छोट साक्षात्कार लेबाक लेल गेल रही कखनो हम आ संजय जी हुनका निर्देश दियेन त कखनो हम दुनू गोटे हुनकर निर्देश ली ..आई सब याद आबि रहल अछि पत्रकारिता,साहित्य ,कला ,संगीत आ कि रंगमंच सब क्षेत्रक लोक सबहक स्वागत सत्कार करबाक उत्साह आ हुनका सबगोटे के केना अपन संस्था स जोडी से सदिखन हुनकर कोशिश रहैत छलैन 

भास्कर भूषण 10.4.2019

मिथिला समाज के एक अलग दिशा देबै वाला, मिथिलांगन संस्था (नई दिल्ली) के संस्थापक सचिव, हमरा सब के हमेशा प्रोत्साहित करै वाला एवं एलआईसी  के डिविशनल ऑफिसर श्री अभय लाल दास जी (अभय अंकल) आय हमरा सब के छोड़ि हुनका पास चईल गेलाह जिनका पास सं कोई वापस नहि आइब सकैत । ई दुःखक तूफान में भगवान से कामना जे हुनका परिवार के डोर थामि के राखि, ई तूफान से लड़ै के शक्ति दय एवं हुनक आत्मा के शांति प्रदान करैथ । अश्रुपूर्ण सादर श्रद्धांजलि । बड्ड अफ़सोस जे हम हुनक अंतिम दर्शन नए क सकलहुँ । 

‎जीतेंद्र लाल दास , 11.4.2019

एक दैदिप्यमान नक्षत्र, ओजस्वी, तेजस्वी, बहुआयामी व्यक्तित्व प्रतिभाक धनी, समाजक कर्णधार, हमर पुत्रवत अभय जी कालक चपेट मे आबि हमरा सभ कं। असहाय बना भगवद प्रेम मे विलिन भ गेलाह। लगैछ भगवान के हुनकर आवश्यकता छलैन। भगवान् हुनक आत्मा के चिरस्थाई शांति (मोक्ष) प्रदान करथि, से हुनका सं विनम्र प्रार्थना। हमरा लोकनि हुनक महत्वाकांक्षा, स्वप्न के पूरा करी, से सामूहिक दायित्व। आब धैर्य टा मात्र संबल अछि। ऊं शान्तिः, शान्ति शान्ति ।
......

संकलन- हेमन्त दास 'हिम'
प्रतिक्रिया लेल ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com

मिथिलंगन सांस्कृतिक संस्था के संस्थापकक रूप मे
 
मैथिली भोजपुरी अकादमीक सचित श्री रवींद्र नाथ श्रीवास्तव उर्फ परिचय दास द्वारा सम्मानित होयत 2012

अभय जी साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त लेखिका डॉ. शेफालिका वर्मा  के संग. श्रीमती वर्माक सं सटल छथन्ह हुनकर अभय जीक पत्नी सरिता दास. पाछू में प्रसिद्ध चित्रकार पति-पत्नी रवींद्र दास आ संजू दास छथि

डॉ. शेफालिका वर्मा तथा अन्य गणमान्य साहित्यकारक संग पुस्तकक विमोचन करैत

प्रसिद्ध मैथिली गायक सुन्दराम एवं अन्यक संग होली मनाबैत अहि बेर 

दूरदर्शन पटना पर साक्षात्कार दैत





5 comments:

  1. अद्वीतीय व्यक्तित्व, अद्भुत प्रतिभावान, विनम्र स्वभाव एवं सदिखन मुस्कुराहट संग वार्तालाप.... आह, आदरणीय अभय जी अपने क़तय चलि गेलौं, बार बार मोन के तसल्ली देलाक बावजूद विश्वास नहि भ रहल अछि । मर्माहत छी जे एहन घोर अन्याय आ अत्यंत दुखद समाचार कियाएक भेटल हमरा लोकनि के ।

    भगवान अपने दूनु लाल के मज़बूत राखैत जे ओ अप्पन माँ (सरिता दीदी) के अनंत दुःख के घड़ी में आओर ख़ुद के ताक़तवर योद्धा बानाबैत साम्भालि सक़ैत ।

    अपनेक बनाओल मिथिला के बगिया मिथिलाँगन सदैव अपने पदचिह्न पर क़ायम रहत आ अपनेक सदा हँसमुख व्यक्तित्व के याद सदा बदस्तूर ई मिथिलाँगन परिवार के एक सूत्र में राख़त । अहाँक़ कोटि कोटि शत शत नमन व विनम्र श्रधांजलि ।

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    1. अहाँक उद्गार हमरा सभक उद्गार छैक. ओ वास्तव में विलक्षण व्यक्ति छला आ मिथिला समाजक क्षमतावान सांस्कृतिक संगठनकर्ता!

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  2. अहाँ अद्भुत छलौ ।। जतैक व्यख्या अहाँ लेल ओतैक कम । अहाँ पाहुन संग गार्जियन छलौ ।। बहुत किछ सीखलौ अहाँ स । निस्वार्थ सेवा भावना कि हौ छय, अहाँ ओकर प्रारूप छी। जनसेवा के अहाँ सागर छलौ। बहुत स्मरण रहब ।। अश्रुपूर्ण सादर श्रद्धांजलि ।।।

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    1. सचमुछ एतेक नीक लोक के जल्दी चलि गेला सँ हम सभ अभावग्रस्त भ गेलहुँ. blogger.com पर login करिकs अप्पन नाम देला सँ एतs देखाइ पड़त.

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  3. मितभाषी एवं सहज आकर्षक मुस्कान हुनक एकटा अद्वितीय पहचान छल ! ओ छला हमर पाहुन !!!

    ऊ दिन नै बिसरल अईछ जखैन पटना सँ मैट्रिक परीक्षा उतीर्ण भेला के बाद १९९४ में दिल्ली के रुख़ केलौंहु। कोनो दोसर मत नै जे हमर पटना सँ दिल्ली प्रस्थान के महत्वपूर्ण कारण छेलैथ हमर नब-नब पाहुन श्री अभय जी (सबटा जनैतो स्वर्गीय - लिखनाय कठिन भ् रहल अईछ)।
    कहैय में कोनो संकोच नै जे हमर दिल्ली वास हुनकर अभिभावकता में सम्पन्न भेल और जाहि सँ हम अनुग्रहित छी।

    मैथिलि आ मिथिला के लेल हुनकर प्यार आ समर्पण जगजाहिर अईछ जाहि सँ हमहुँ अवगत भेलौंहुँ हुनका साथ स्कूटर पर दिल्ली में घुमैत घुमैत केवल मैथिलि व मैथिल वास्ते।

    ओहि कॅरिअर के शुरुआती दौर में रहितो अभय जी के लेल मैथिल समाजक कार्य वा मैथिल संस्था सँ जुड़ल कार्य सर्वोपरि छेलैन्ह।
    "ऊ कहैथ छेलैथ जे एल.आई.सी के काज त खींच-ताइन का कहुना भइये जायत मुदा समय बितला के बाद मैथिलि - मिथिलाक के उत्थानक काज नै भ् पायत।"

    ऊ जतेक बेसी लोकप्रिय हमरा - अहाँ यानी मैथिलि भाषी के बीच छेलैथ ततबै अपन कार्यस्थल एवं आवासीय समाज (कैलाश अपार्टमेंट residential society) के बीच छेलैथ।

    मिथिलांगन संस्था के उत्पति सँ आई धरि निर्विरोध सचिव बनल रहनाइ हुनक विशिष्ट संगठनात्मक क्षमता के उजागर करैत अईछ।
    उदहारण अईछ जे हुनकर बेर बेर के प्रयास जे नब सचिव के एला सँ किछ नब कार्य... नब सोच मिथिलांगन के आओर आगू बढ़ावअ में मदद करत से एकोटा मिथिलांगन सदस्य के स्वीकार्य नै भेल।

    अगिला पीढ़ी के मिथिलांगन में आगू आनअ लेल ओ पूर्ण रूपेण प्रयासरत छेलैथ। बच्चा सबके द्वारा अपन माता पिता सँ इ पूछनाई जे आब कहिया मैथिलि निबंध / लेखन प्रतियोगिता वा खेल प्रतियोगिता हेतै या सरस्वती पूजा फेर कहिया आओत एई सम्बन्ध में हुनक प्रयास सफ़लता के दिशा में अग्रसर बूईझ परैत अईछ !

    अविस्मरणीय अईछ हुनक डेढ़-दू मासक कलकत्ता स्वास्थ लाभ प्रवास (जनवरी - फरवरी २०१९).... जाहियो में ओ हमरा सभ सँ एवं अनेक मैथिलि भाषी लोक सँ मिथिलांगनाक व मैथिलीक उत्थानक विषय पर चर्चा करैत समय व्यतीत केलैन्ह।
    कलकत्ता सँ विदा होइत काल सेहो हुनकर प्रश्न छेलैन्ह एकटा मैथिल सज्जन सँ जे अपनेक एते उच्च पद पर कार्यरत छियै त कतेक मैथिल लोक के सहायता करैत छी आ आश्वस्त भेला पर कहलखिन्ह जे आगुओ मैथिलि आ मैथिल के उत्थान पर ध्यान देबै !!

    पाहुन, दिल्ली अहाँ बिन सुन्न लागैत अईछ....

    भगवान, नीक जेकाँ रखबैन हमर सबहक प्रिय अभय जी के !!!

    अशेष नमन आ अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि ओहि कर्मठ एवं सदैव उत्साहित मैथिल सामाजिक कार्यकर्ता के !!!
    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

    https://www.youtube.com/watch?v=tr75i8fv5Ew

    आनन्द रंजन (दीपु)
    ग्राम - इमादपट्टी
    मधुबनी

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