Thursday 15 October 2020

पाते सन हमहूँ सखि / कवयित्री - कंचन झा

कविता 

(मुख्य पेज पर जाऊ- bejodindia.in/ / हर 12 घंटे पर देखैत रहू - FB+ Bejod )



हरियर पात, जीवन संजोने

ता धरि हरियर रहइछ

जा धरि गाछक ताग पकड़ने

 जुड़ल ओकरे सँ रहइछ


थाप बसातक, जोड़गर अबइछ

सुटकल पात जे, नेह पबइछ

जेना करेजमे माईक साटल

नेन्ना, बुदरुक रहइछ।


कोनो पात जे, बड़का भ गेल

डंटी सँ ओ छिटकल रहइछ

कोना बचाओत गाछ ऐंठल केर

बसात नेने दूर जा पटकइछ।


तहिना हमहूँ, हे संगी सुनू

संस्कृति केर जँ मोल नै बुझबै

दूर फेकायब जा क कतौ

के चीन्हत आ ककरा चिन्हबै।

...

कवयित्री - कंचन झा 
कवयित्रीक ईमेल आईडी - kjha057@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु अहि ब्लौगक ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com

Friday 9 October 2020

ओ महात्मा गांधी अपन / कवि - हेमन्त दास 'हिम;

 गांधी जयंती पर विशेष 

(अही रचना केँ हिंदी काव्यानुवाद देखू  / मुख्य पेज पर जाऊ- bejodindia.in/ / हर 12 घंटे पर देखैत रहू - FB+ Bejod )


गांधीजीक भूमिकामे प्रसिद्ध अभिनेता जावेद अख्तर खान


देशक धरती मुक्त करौलनि, काटल सामाजिक बंधन
सच्चाई आ सादगी केँ ओ अजस्र स्रोत केँ नमन।
देशक उर मे बसल रहय छथि ओ महात्मा गांधी अपन।
महात्मा गांधी-2

अत्याचारी अंग्रेज सँ सभ देशवासी तड़पै छल
छूआछूत, जातिपात आ साम्प्रदायिकता केँ छल अनल
सत्याग्रह सँ शत्रु के भगा प्रेम सँ कयलनि अग्निशमन।
देशक उर मे बसल रहय छथि ओ महात्मा गांधी अपन।
महात्मा गांधी-2

धन अरजी मुदा अपना पर नहि, जन के वास्ते खरची
आत्मनिर्भर हो गांव गांव, तहि लेल कुटीर उद्योग, चरखी
हिंसा के जे दूर भगौलनि, बढ़ाओल हिंदीक प्रचलन।
देशक उर मे बसल रहय छथि ओ महात्मा गांधी अपन।
महात्मा गांधी-2
----

कवि - हेमन्त दास 'हिम'
प्रतिक्रिया हेतु अहि ब्लौगक ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com