Monday 4 December 2017

दिल्ली में भेल केकेएम'क पहिल सभा 3.12.2017 केँ

नोट: ओना त बिहारी धमाका ब्लॉग जाति प्रथाक पूर्णत: विरोधी अछि मुदा अखनहुँ एकर एक पघि समूह दहेज प्रथा सँ वास्तविक रूप सदूर रहैत छै, शिष्टाचार के अपन संस्कृति बूझैत अछि आ घोर शांतिवादि अछि. तेँ ई ब्लॉग हुनका अभिनंदन करैत अछि आ पूर्ण भारतीय समाज के अहि बात पर हिनका सभ सँ सीख लेबाक चाही.

"कर्ण कायस्थक दशा आ दिशा" पर भैरब लाल दास, शेफालिका वर्मा तथा अन्यक विचार



अहाँ अपन आइडिआ सोच आ संपर्क के जरूर ग्लोबल करू मुदा अपन पहचान ,अपन इतिहास आ अपन धरोहर के सेहो नहि बिसरू l आई सब क्यों चिंतित छी जे अपन संस्कृति ,अपन समाज ,अपन गाम ,अपन मूल आ अपन पंजी सब छूटल जा रहल अछि l कर्ण कायस्थक कर्णाटक स सम्बन्ध ,दहेज़ ,बत्तीसगामा आर कतेको एहि सब तरहक विषय के नीक जकाँ उठौलनि कर्ण कायस्थ महासभा अपन मंच पर l 

सारगर्भित संवाद ,तार्किक प्रेजेंटेशन आ चुरा दही के भोजन स शुरू भेल पहिल कर्ण कायस्थ महासभाक पहिल चर्चा सत्र l नीक नीक वक्ता लोकनि अपन अपन विचार रखलनि l " कर्ण कायस्थक दशा आ दिशा " ओना त ई विषय बड्ड ओझराइवला छल मुदा गोष्ठी बड्ड सौहार्दपूर्ण वातावरण में भेल l आयोजनक सूत्रधार छलाह बी के कर्ण ,पूरा कार्यक्रमक मंच सञ्चालन केलनि मानवर्द्धन कंठ मुदा सबहक आकर्षण रहलाह मुख्य वक्ता भैरव लाल दास जी आ शेफालिका जी , श्रोता लोकनि के विचार जे आगाँ और एहेन गोष्ठी होयबाक चाही l

अहि अवसर पर रविंद्र दास, संजू दास, विनीता मल्लिक, अभय दास तथा अन्य अनेक जानल पहचानल व्यक्तित्व उपस्थित रहैथि. 
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आलेख - रविन्द्र दास

चित्र - संजीव मिथिलांकर 









2 comments:

  1. अद्यतन सामग्री सब पढि क बहुत नीक लागल ।एकरा आओर उपयोगी बनाओल जयबाक बेगरता अछि ।दिसम्बर 2017 कें बाद बहुत
    रास गतिविधि सब दिल्ली मे भेल अछि ।मैथिली साहित्य दिनानुदिन आगां भ'रहल अछि
    से नीक बात ।मुदा एक टा बात जे मन पर चोट करैत अछि से अछि एकर भविष्य ।विद्वजन सब अपना अपनी क'अपन अपन घटकैती मे ओझरायल छथि ।मुदा सभागाछी
    भंम परैत अन्हार दिस बढि रहल अछि
    मैथिलीक संवधॅन कोना होयत तकर भविष्य बहुत उज्ज्वल नहि देख मन उदास भ'जाइछ।
    जावत धरि कम स कम मैट्रिक तक एकरा माध्यम नहि बनाओल जायत ताबत तक विकास संभव नहि अछि ।आब त गामहि टा मे जेना ई घरक भाषाक रूप मे टेक रखने अछि ।
    शहर मे त धिया पुताक संग माय बहिन मैथिली बजितो ने छथि ।पढायब तं कोसो दूर अछि ।देखाबटी शो कते दिन तक चलत।अहीं कहू मैथिली कतय जा रहल अछि आ कत'भ'
    क'रहत।आइ एतबय।

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