Monday 27 January 2020

मिथिलाक्षर में राष्ट्रगान / कंचन कंठ

भारतक राष्ट्रगान 
कृपया देशक राष्ट्रगान केँ ससम्मान आओर विधि अनुरूपहिं गाओल जाय. धन्यवाद.

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दोसर चित्रमे राष्ट्रगान केँ मिथिलाक्षर मे लिखल पाऊ.
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मिथिलाक्षर मे लिपिकार - कंचन कंठ
लिखनिहारक ईमेल - kanchank1092@gmail.com
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मिथिलाक्षर में सीताक वर्णन लाल दास कृत रामायण सँ / कंचन कंठ

लालदास कृत रामायणमे सीता

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हमरा अँह कौ नहि किछु भेद
एके थिकहुँ कहै छथि वेद

लीला हेतु चयल दुई देह ।
ब्रह्म अंश दुहु निस्संदेह ।।


जनकधाम मिथिला केर वर्णन

भासमान मिथिलापुरी, रवि सन तेज प्रचण्ड ।
बूझ पड़ अनुपम देश जनि, महिगत स्वर्गक खण्ड ।।

जन्मभूमि नैहर सीतक, जतय स्वयं शिवरूप पिनाक ।
शक्तिपीठ उत्तम स्थान, उग्रभूमि सब भाँति महान ।।
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मूलकवि - महाकवि पंडित लाल दास
मिथिलाक्षर मे लिपिकार - कंचन कंठ
लिखनिहारक ईमेल- kanchank1092@gmail.com
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