Friday 13 October 2017

बाबानामा -11 / ओम प्रकाश

कनि हमरो सुनू


सुनलियै जे बाबा गुरूघंटालक आश्रममे दौड़ कूद भ' रहल छै। हमरा कनी आश्चर्य भेल, तैं जिज्ञासा शान्त करबाक लेल हुनकर आश्रम पहुँचि गेलहुँ। ओतय देखैत छी जे आश्रमसँ सटल बड़का खाली फील्डमे जत्र कुत्र लाठी आ डंटा लगा कए बाधा ठाढ़ कएल अछि। बाबा रहि रहि कए चेला सभकेँ टिटकारी दएत रहथिन आ चेला सभ ओहि बाधा सब परसँ कूदैक कूदैक कए एम्हर ओम्हर दौड़ैत छल। हम बाबासँ पूछलियैन्ह -"ई की खेला करा रहल छियै बाबा। हम बूझि नै सकलहुँ।" बाबा हकमैत बाजलाह -"ई पड़ाय केँ ट्रेनिंग द' रहल छियै। तूहू ट्रेनिंग लइये लेह।" हम कहलियन्हि -"पड़ाय केर ट्रेनिंग! हम किछु बूझलौं नै।" बाबा बैसैत कहलन्हि -"एम्हर अखबार मे पढ़लहुँ जे आब एम्हरका मरीज जँ दिल्ली एम्समे ईलाज करबाबै लेल जेतैक तँ ओकरा सभकेँ खिहारि देल जेतैक। ओना तँ कोशिश ई कएल जेतैक जे एम्हरका लोक जे एम्स जाइथि ओ कतौ आन ठामक पता लीखाबथि, जाहिसँ ओ खिहारल नै जाइथि। मुदा खिहारल जयबाक स्थितिमे पड़ाय केर ट्रेनिंग रहतै तँ लोक आरामसँ पड़ा जायत। तैं ई ट्रेनिंग द' रहल छियै।" हम आगाँ बाजलहुँ-"मुदा ओतय जयबाक जरूरति की छै। अपन राज्यमे एतेक रास मेडिकल कओलेज तँ छहिये। ओतय जा सकैत छथि।" बाबा कहलन्हि -"एक तँ ओतय डाक्टरे नै भेंटैत छै। जँ कहुना भरतियो भ' जेबहक तँ तोहर किछु सुनबे नै करतह। किछु बाजबहक वा विरोध करबहक तँ लाठीसँ सोंटल जयबहक। तोरा बूझल छह जे मेडिकल कओलेज मे पढ़निहार सब ईलाज जानथि वा नै मुदा लाठी भाँजनाइ खूब जानैत छथि। सब विंध्याचली लाठी राखैत छथि आ लाठी भाँजनाइ केर कलाक प्रदर्शन बीच बीचमे क' कए अखबारक मुखपृष्ठक शोभा बनैत रहैत छथि। तैं दिल्लीक एम्से जेनाइ ठीक रहतह। किएक तँ ओतुक्का आदेशमे खाली खिहारै लेल कहल गेल छै, लठियाबै लेल नै कहल गेल छै। आ जँ खिहारतै तँ पड़ाय केर ट्रेनिंग काज एतैक।" हम कहलियन्हि -"धन्य छी अहाँ बाबा। मुदा हमरा जकाँ भारी शरीर बला लोकक लेल तँ खिहारनाइ आ लठियेनाइ दुनू भारी पड़त। हम की करी।" बाबा मुस्कियाइत कहलन्हि -"तोरा सब लेल अपन गामक वैद्य जी छथुन्ह ने। हुनकर दोकान बन्न भ' गेल छलन्हि। आब चुहचुही घुरि एतन्हि। तू ओतहि चलि जइयह।" हमर अधकपारी आरो तीव्र भ' गेल छल, तैं बाबासँ आदेश लएत वैद्य जीक दोकान दिस विदा भ' गेलहुँ।
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अहि आलेखक लेखक -ओम प्रकाश झा
ओम प्रकाश जी मैथिली केर उत्तम गजलकार छथि आ हिनकर गज़ल-संग्रहक नाम छै- 'कियो बूझि नहि सकलि हमरा'. गद्य विधा मे ई हास्य-व्यंग्य मे पारंगत छथि. वर्तमान में आयकर विभाग मे गुप-ए पद पर आसीन छथि.
अपन प्रतिक्रिया अहाँ ईमेल सँ hemantdas_2001@yahoo.com पर पठा सकैत छी. 

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