Monday 15 April 2019

मिथिला अ मैथिली केँ लेल समर्पित हमर पाहुन / आनंद रंजन

 ओ छला हमर पाहुन ! 
मितभाषी एवं सहज आकर्षक मुस्कान / हुनक छल एकटा अद्वितीय पहचान  !

अभय कुमार लाल दास अप्पन कुटुम्बक संग
ऊ दिन नै बिसरल अछि जखन पटना सँ मैट्रिक परीक्षा उतीर्ण भेलाक बाद १९९४ में दिल्ली के रुख़ केलहुँ। कोनो दोसर मत नै जे हमर पटना सँ दिल्ली प्रस्थान के महत्वपूर्ण कारण छलथि हमर नब-नब पाहुन श्री अभय जी (सबटा जनितहुँ 'स्वर्गीय' लिखनाय मुदा कठिन भ रहल अछि)।

कहै में कोनो संकोच नै जे हमर दिल्ली वास हुनकर अभिभावकतत्व में सम्पन्न भेल और जाहि सँ हम अनुग्रहीत छी।

मैथिली आ मिथिला के लेल हुनकर प्यार आ समर्पण जगजाहिर अछि जाहि सँ हमहुँ अवगत भेलौंहुँ हुनका साथ स्कूटर पर दिल्ली में घुमैत घुमैत केवल मैथिली आ मैथिल वास्ते।

ओहि कॅरिअर के शुरुआती दौर में रहितो अभय जी के लेल मैथिल समाजक कार्य वा मैथिल संस्था सँ जुड़ल कार्य सर्वोपरि छेलैन्ह। 

"ओ कहैथ छेलैथ जे एल.आई.सी के काज त खींच-ताइन का कहुना भइये जायत मुदा समय बितला के बाद मैथिल - मिथिलाक के उत्थानक काज नै भ् पायत।"

ओ जतेक बेसी लोकप्रिय हमरा - अहाँ यानी मैथिली भाषी के बीच छलथि ततबै अपन कार्यस्थल एवं आवासीय समाज (कैलाश अपार्टमेंट रेसिडेंसियल सोसाइटी) के बीच छलथि।

मिथिलांगन संस्थाक उत्पति सँ आई धरि निर्विरोध सचिव बनल रहनाइ हुनक विशिष्ट संगठनात्मक क्षमता केँ उजागर करैत अछि।

उदहारण अछि जे हुनकर बेर बेरक प्रयास जे नब सचिव के एला सँ किछु नब कार्य... नब सोच मिथिलांगन के आओर आगू बढ़ावय मे मदद करत से एकोटा मिथिलांगन सदस्य के स्वीकार्य नै भेल। 

अगिला पीढ़ी के मिथिलांगन में आगू आनय लेल ओ पूर्ण रूपेण प्रयासरत छलथि। बच्चा सबके द्वारा अपन माता पिता सँ इ पूछनाई जे आब कहिया मैथिली निबंध / लेखन प्रतियोगिता वा खेल प्रतियोगिता हेतै या सरस्वती पूजा फेर कहिया आओत अहि सम्बन्ध मे हुनक प्रयास सफ़लताक दिशा मे अग्रसर बूझि परैत अछि !

अविस्मरणीय अछि हुनक डेढ़-दू मासक कलकत्ता स्वास्थ लाभ प्रवास (जनवरी - फरवरी २०१९).... जाहियो में ओ हमरा सभ सँ एवं अनेक मैथिली भाषी लोक सँ मिथिलांगनक व मैथिलीक उत्थानक विषय पर चर्चा करैत समय व्यतीत केलैन्ह।

कलकत्ता सँ विदा होइत काल सेहो हुनकर प्रश्न छेलैन्ह एकटा मैथिल सज्जन सँ जे अपने एते उच्च पद पर कार्यरत छियै त कतेक मैथिल लोक के सहायता करैत छी आ आश्वस्त भेला पर कहलथिन्ह जे आगुओ मैथिली आ मैथिल के उत्थान पर ध्यान देबै !

पाहुन, दिल्ली अहाँ बिन सुन्न लागैत अईछ....

भगवान, नीक जेकाँ रखबैन हमर सबहक प्रिय अभय जी के !

अशेष नमन आ अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि ओहि कर्मठ एवं सदैव उत्साहित मैथिल सामाजिक कार्यकर्ता के !

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आलेख- आनन्द रंजन (दीपु)
ग्राम - इमादपट्टी 
जिला - मधुबनी 


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