Monday 18 May 2020

छन-छनन-छन पायल बाजय / कवि - अजित आज़ाद

गीत

(मुख्य पेज पर जाऊ- bejodindia.inअहि ब्लॉग में शामिल हौऊ / हर 12 घंटे पर देखैत रहू - FB+ Bejod )


छन-छनन-छन पायल बाजय
खन-खनन-खन कँगना
ताहि मिथिला मे भोरे-भोर
कोइली बाजय अँगना
गोड़हा-चिपड़ी पाथिककाकी
निपलनि गोसाउनक पीड़ी
माय दुआरि पर चाउर फटकिक'
कयलनि ठांओं-पीढ़ी
मैंयाँ रन्हती छठिक तस्मै
हुनके हिस्सा खड़ना
ताहि मिथिला मे...

मस्जिद मे अज़ान गूँजल त'
काँख लिधुरिया लठाढ़ि
आँचर उड़ियौती नहिरा मे
ससुरा मे लेती नुआ काढ़ि
हाथ हुनर छनिपैर झूमर छनि
आँखि मे सुन्नर सपना
ताहि मिथिला मे...

बैसल नहि भेटती मिथिलानी
बरु कतबो रौद-बरखा
नहि किछुओ तनचौती टकुरी
चलबे करतै चरखा
पढ़ि-लिखिकआइ परदेस मे बेटी
छोड़ा रहल छथि भरना
ताहि मिथिला मे...
....
कवि- अजित आज़ाद
कविक ईमेल आईडी- lekhakajitazad@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु अहि ब्लौगक ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com


No comments:

Post a Comment