शत शत नमन कर्पूरी दादी
बौआ एहि अवडेरल धीया पूता के मनसँ पढाएब त खूब नाम जश भेटत। सुहागवती रहू सिउथे कोइखे भरल रहू।
एतेक नीक नीक शिक्षा आशीष देबय वाली मौसी दाय (कर्पूरी दादी) शानदार जीवन बीता इहलोकक यात्रा पर चलि गेलीह 30 जुलाई 2019 क।
मिथिला चित्रकलाके विश्वस्तर पर पहुंचाबयमे हितकर बहुत योगदान छलनि। मधुबनीके परौल गामवासी कर्पूरी देवी कर विवाह रान्टी कर शिक्षक श्यामकांत दास सँ भेल छलनि। मिथिलाक आने बेटी जँका इहो माय सँ अरिपन सुजनी कुरूस कांटाक लूरि सीख क आयल छलीह।
1934क भूकम्पग्रस्त मिथिलाक फोटो लेबाक क्रम मे जिलाधीश डब्लू जी आर्चर साहेब अपना देशमे पठेलक त खसल देवाल परहक भित्ति चित्र के देखि मिथिला के चित्रकला के धूम मचि गेल छल। आ मिथिला चित्रकला के प्रोत्साहन के लेल कागज पर उतारबाक लेल परदा छोडि बाहर जाय वाली महिला सभमे एक छलीह।
हमरो सबके चित्रकलालेल प्रोत्साहित करय वाली दादी जापान सहित फ्रांस अमेरिका जाए अपन कलाकेँ खुट्टा गारय एलखिन्ह।
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आलेख - चन्दना दत्त
लेखिकाक ईमेल - duttchandana01@gmail.com
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धन्यवाद हेमन्त जी
ReplyDeleteअदभुत व्यक्तित्वक अपूर्व आशीष
ReplyDeleteप्रभवसलि महिला सत सत नमन
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