सामाजिक कुरीति केँ विरोध करितहुँ अप्पन संस्कृति सँ अत्यधिक लगाव अछि मिथिलानीक पहचान
सखी - बहिनपा स्थापना-दिवस 24 अगस्त कऽ दुनिया भरिमे जगह-जगह मनाओल गेल। मुदा हमसभ 25 अगस्त कऽ मनेलहुँ। मुंबई में कृष्णाष्टमी द्वारे जगह- जगह दही -हांडी आ गोपालकाळा क कारणे यातायात बाधित भ जाइत अछि तें रवि दिन मनाओल गेल, तकर विशेषता रहल कि मुंबई जेहन महानगरमे ई "मिथिलानी द्वारा कयल गेल साइत पहिल प्रोग्राम छल, जेकर कल्पना, संयोजन आ आयोजन मात्र हम सभ सखी बहिना मिल कय केलहुँ।"
कहबियो छैक " कौन कहता है आसमां में सूराख नही होता;एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो।" सच्चे जे सुनलैथ से भूरि -भूरि प्रशंसा कय यथा संभव सहयोग दैलेन्हि। हम सभ एहि कार्यक्रम के पहिलुका कार्यक्रम सभ सनक किछु मुद्दा आधारित बनेलहुँ जाहिमे सामाजिक कुरीति केँ विरोध तऽ करबाक छल मुदा अन्यान्य बात सभ पर सेहो ध्यानाकर्षित केलहुँ।
कार्यक्रमक रूपरेखा:-
1) भगवती गीत- समूह में
2) गणेश वंदना(नृत्य)- शुचि
3) भगवती गीत- श्रुति ओ साथी पाठक
4) सखी बहिनपा समूह क परिचय
5) स्वागत गान- समूह में
6) अतिथिगणक सम्मान
7) मुख्य अतिथि (विभारानी एवं हेमंत कुमार 'हिम') के दू शब्द
8) एकल गीत- नेहा मिश्रा
9) कविता पाठ - संध्या मिश्रा
10) एकल गीत-प्रियंका मिला
11) जट-जटिन नृत्य- श्रुति ओ आलोक पाठक
12) कविता पाठ- प्रियंका मिश्रा
13) नाटिका -दुलरी दिया केँ अंतर्गत मिथिलामे स्त्री जीवनक विभिन्न आयाम:
- सोहर
-चैतन्य आ शुचि केँ नाटक
-लघुकथा- कंचन कंठ
-स्वयंवर- सुलेखा दास
-जयमाल गीत-श्रीमती मालती दास
डहकन,गारि,कन्यादान, सिंदूरदान, समदाउनक गीत
15)व्यंग्य - नीलम
16)एकल गीत - रजनीरंजन
17)चौमासा - प्रेमलता झा
18) एकल गीत - आशा पाठक
19)धन्यवादज्ञापन - प्रियंका मिश्रा
20धन्यवादसहित चलचित्र /प्रेमक बसात केँ विश्लेषण - संध्या मिला
कार्यभार-
मंच संचालन- प्रियंका मिश्रा ओ संध्या मिश्रा
अरिपन-मधुप्रकाश
अतिथि के पुछाइर-कंचन कंठ ओ आशा पाठक
दीपक सज्जा- जया रानी आओर रजनी रंजन
खोंइछ- नीलम लाल व सुषमा मिश्रा
नाटिकामे गायन-सुलेखा दास,सुषमा मिश्रा, रजनी रंजन,आशा पाठक, मधुप्रकाश,कंचन कंठ, मालती दास , प्रियंका ओ संध्या मिश्रा।
उफ्फ्फ!
तकर बाद सखी सभ स्टौल लगौने छलथिन्ह ।
1)भोजनक- पलकिया, नमकीन टिकड़ी, समोसा,कचरी,फ्रैं की, ग्रीन टी-नीलम लाल ओ लिट्टी- चटनी- कंचन कंठ
2)पोथी- पंडित महाकवि लालदासक सभ कृति(जयारानी)
3)पोथी- डा नित्यानंद लाल दासक अनुदित कृति सभ (प्रज्जवलित प्रज्ञा,अग्नि के पाँखि,मैथिली तिरूक्कुरल,राधाकृष्ण चौधरी,नैका बनिजारा,मैथिली भारतीय संविधान,
चंदना दत्तक- गंगा-स्नान
विभारानी दी -खोह सौं निकसइत ओ प्रसिद्ध कृति- क्योंकि जिद है जाकर रायल्टी ओ कैंसर चैरिटीमे दैर छथि,मिथिलाक्षरक पोथी सभ
4) हैंड एम्ब्रायडरी स्टाल- ऑर्गेनिक मिथिला पेंटेडज्वैलरी,प र्स (नूतनबाला), पिलोकवर्स, एप्लीकवर्क बेडशीट (मालती दास), सिंधी कढ़ाईक बेडशीट, साड़ी ,ब्लाउज पीस ओ सिंधी- मिथिलाक्षर के कढ़ाई कुर्ती पर जे एखन हमर ग्रुप पर धूम मचा रहल अछि (कंचन कंठ)
5)एप्लीक वर्क बेडशीट टेबलक्लाॅथ- (रंभा झा)
एतेक पूरा हमर सभक छोटछीन कार्यक्रम आ ओहि में सब सखीक अतुलनीय योगदान बिसरल नहि जा सकैछ। कनि-मनी हेरफेर आ गड़बड़ी केर संग हमर सभक रंगारंग कार्यक्रम उल्लेखनीय रूप सौं आनन्दमय रहल।
विभा दी के कथन एकदम सटीक छलन्हि कि "स्त्री के तऽ जन्मे अवरोध-विघ्न-बाधा सौं दू - चारि होइत प्रारंभ होइत अछि तऽ ई सब कोनो विशेष गप नहि।" ओ एतेक दूर सौं कष्ट उठाकय एलीह तऽ कृतार्थ भऽ गेलहुँ आ हुनक प्रसिद्ध " डहकन"- मोनक साध पूरा गेलैन्ह सभ के।
दीप प्रज्जवलन केलैन्हि क्रमश: मालती दास विभारानी दी, आशा झा, विद्या सखीक मां।
हेमंतजी के उद्बोधन से प्रेरणास्पद रहल। ओ कहलाह जे मैथिलीक असली विद्वान ओहिमे पीएचडी केन्हिहार नहि बरु गाम पर रहैवाली ओ बूढ़ मिथिलानी छथि जे अनपढ़ या कम पढ़ल लिखल भेलाक बादो हर वाक्य मे दू टा सटीक फकरा जड़ि दैत छथि।
हेमंतजी के उद्बोधन से प्रेरणास्पद रहल। ओ कहलाह जे मैथिलीक असली विद्वान ओहिमे पीएचडी केन्हिहार नहि बरु गाम पर रहैवाली ओ बूढ़ मिथिलानी छथि जे अनपढ़ या कम पढ़ल लिखल भेलाक बादो हर वाक्य मे दू टा सटीक फकरा जड़ि दैत छथि।
संपूर्ण विश्व केँ जलवायुमे हानिकारक परिवर्तन देखैत अतिथिगणक सम्मान पाग-दोपटा के स्थान पर वृक्षारोपणक महत्व पर ध्यानाकर्षित करै के लेल एकटा के गुलाब आ गुलाबक पौधा प्रदान कैल गेल क्रमशः विभा दी, हेमंत 'हिम', रूपक शरर ओ हुनक गायिका पत्नी सारिका कुमार केँ वरीय सखी सभ द्वारा।
मिथिलाक्षरक प्रचार-प्रसारक महत्वपूर्ण कार्यमे योगदानक लेल निर्देशिकाक रूपमे प्रेमलता झा, माला झा, शैव्या मिश्रा केँ, प्रशिक्षिकाक रूपमे कल्पना मधुकर आ प्रवीणता प्राप्त करैलेल कंचन कंठ, रजनी रंजन आदि सम्मानित भेलीह ।
मिथिलाक्षरक प्रचार-प्रसारक महत्वपूर्ण कार्यमे योगदानक लेल निर्देशिकाक रूपमे प्रेमलता झा, माला झा, शैव्या मिश्रा केँ, प्रशिक्षिकाक रूपमे कल्पना मधुकर आ प्रवीणता प्राप्त करैलेल कंचन कंठ, रजनी रंजन आदि सम्मानित भेलीह ।
विशेष बधाईक पात्र छथि नीलम दीदी सखी जे हमर सभक यथासमय मार्गदर्शन करैत , हँसैत,फोटोग्राफी कऽ मधुर याद जमाकय राखयमे मदद करैत छथि आ मनोमालिन्य सौं कोसों दूर रहि हमरा सभमे प्राणवायु क काज करैत छथि (ई बटरिंग अछि फूड स्टाल सौं डिस्काउंट क उम्मीद मे )
मुक्ति सखी मुंबई आबिकय बच्चाक अस्वस्थताक कारणे नहि आबि पेलीह, हुनकर हृदयतल सौं आभार आ बौआ के शीघ्र स्वास्थ्यलाभक कामना अछि। जल्दिये भेंट होयत तकर आशा सेहो अछि।
कमाल तऽ केलैन्हि नन्हकी सखी नेहा मिश्रा सखी- जे पैर में चोट क बावजूद ओ डाक्टरके सलाहक बावजूद ऐतेक दूर सौं एबे नै केलीह "पिरीय पराननाथ" गाबि आनंद के चार हजार गुना बढ़ा देलैन्हि।
पूरा दौड़-भाग, इंतजाम बातक श्रेय वकील सखी प्रियंका ओ नीलम लाल के छन्हि। सक्रिय योगदान देबासौं असमर्थ रहितो यथासंभव मदति केनिहार संध्या ओ कंचन सखी के बधाई। ऐना कऽ कऽ एकटा मधुर यादक संगे तेल-सिनुर आ खोईंछ अपन श्रेष्ठा सखी सौं लऽ सभ गोटे मुँह में पान चिबबइत विदा भऽ गेलहुँ।
नोटपैड तक हाथ ठाढ़ कऽ देलक लेकिन लिखय लगै छी तऽ कि लिखू, कि छोड़ू से नहि बुझाइ अछि तैं गलती-सलती धियान नहि देब। आखिर साल भरिक नेना सौं कतेक अपेक्षा करब!
धन्यवाद सखी-बहिनपा ग्रुप के ओ धन्यवाद आरती सखी। हम सब अहिना फलफूली ओ गबैत रही "हम एक छी सखी -बहिनपा।"
धन्यवाद सखी-बहिनपा ग्रुप के ओ धन्यवाद आरती सखी। हम सब अहिना फलफूली ओ गबैत रही "हम एक छी सखी -बहिनपा।"
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आलेख - कंचन कंठ
छायाचित्र - सखी बहिनपा समूह
Amazing program n excellent reporting
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