हिट स्प्रे करय छी-
लॉकडाउन लॉकडाउन देखय छी
घरे में दिन भरि बंद बैसल छी
भिन-भिन घूमि मच्छर चुटि काटी
तरे हम हरियर हिट स्प्रे करय छी ।
लॉकडाउन के अनुभूति करय छी
डरे सदिखन सोच में पड़ल छी
बाम कात गुनगुनेने, दहिना काटी
कोने कोने हम हिट स्प्रे करय छी ।
लॉकडाउन २१ बाद लॉकडाउन १९
दिने काटई में मशगूल रहय छी
हवा में मच्छर आ भूमि सँ झींगुर
धेने हम लाल हिट स्प्रे करय छी ।
लॉकडाउन बीच जूम झमाबै छी
डिजिटल दुनियाँ पसारि रहल छी
देखि चाल आ आवागमन फेर
बेर बेर हिट सभदिस स्प्रे करय छी ।
लॉकडाउन लॉकडाउन में बारह की
बजाय साढ़े बारह हम तत्पर छी
थोड़य हार मानय बला हमहूँ छी
हिट स्प्रे में दिन-राति एक केने छी ।
अठबज्जर कोरोना
जो रे अठबज्जर चिनिया
बपौती के संभाल तू
रे बज्जरखसौना मुरिमचरुआ
परा एत सँ, आब भाग तू,
कूटि देतौ आब ई दुनिया
रे तत् माइर खेमे तू
जो रे घूमय अप्पन नरक मे
कोरोना आब बिलेमे तू ।
गिन दिन आब रे बैमंठा
जो अपन गाम के संभाल तू
बिन बजौने आयल मेहमान
बापे घर के कर देखभाल तू।
......
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कवि - विजय बाबू
कविक ईमेल - vijaykumar.scorpio@gmail.com
प्रतिक्रियाक लेल ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com
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