हम जरेने छी अंगनामे आसक दिया
दिनांक 7 दिसंबर 2019 केँ एकटा मैथिली कवि सम्मेलन आयोजित कयल गेल कौटिल्य होटल,मुजफ्फरपुर मे जाहि मे विशाल संख्या मे कवि कवयित्री भाग लेलेन्हि. भाग लेनिहार मे प्रभाष, अजित आजाद, आशीष नीरज, नवीन नवेन्दु, इन्द्रकांत , सत्यम, पल्लवी सिन्हा, डाॅ. पंकज संग, संजीव सिन्हा आदि शामिल छला.
अपुष्ट जानकारी केँ अनुसार अहिमे उमेश पासवान, मैथिल सदर गौहर, शैलेंद्र मिश्र, अरविंद ठाकुर, मैथिल प्रशांत, दिलीप कु. झा, शंकरदेव झा, पं. कमलेश प्रेमेंद्र, दिगम्बर ठाकुर दिनकर, अवधेश झा, मैथिल संजय मिश्रा, हरीश चंद्र हरित, सुनिल झा, आनंद मोहन झा, स्मिता वर्षा झा, फूलेंद्र झा प्रवीण, अमन आकाश, मुनीन्द्र मिश्रा, मुख्तार आलम, दीप नारायण विद्यारथी, नारायण झा आओर अरुण माया सेहो कार्यक्रम मे भाग लेलेन्हि.
पढ़ल गेल रचना केँ एक झलक नीचाँ मे प्रस्तुत अछि -
कवि-1
हम जरेने छी अंगनामे आसक दिया
अहाँ चान बनि गाममे उतरियौ पिया
आब प्रतीक्षाक घड़ी बद करियौ प्रभु
प्रेम अगनि मे दहकैत धक धक जिया
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कवि-2
बदैल गेलै जमाना
आब केकरा की कहतै? कोना कहतै?
अप्पन घरमे बाघ जकां अपंग रहतै
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कवि-3 / आशीष रंजन-
पत्नी के खुश करनाइ असम्भव छै
फेल भ जाइछै सभ नामी गिरामी
पास होइक मात्र एकटा साधन अछि
बनS पड़त अहाँके अंतर्यामी
इ एना कियेक ओ ओना कियेक देलहुँ
शिकायत के खुलल रहै छै पिटारा
सभकेँ मनमे मुदा इहे चलैछै
मुदा आई हमहुँ रहितौं कुँवारा
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कवि-4
ई कोना सरकार भ गेलै
सभ चेहरा बीमार भ गेलै
घरमे बूढ़ माइ बेबस छल
बाप देखू लाचार भ गेलै
कवि-5
ओ भ क पराया सदा अपना रहै छै
ओ हृदय के छै टुकड़ा नहि घर सँ दूर रहै छै
अहि प्रकार सँ एक टा यादगार कवि सम्मेलनक आयोजन सम्पन्न भेल.
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रपटक प्रस्तुति - हेमन्त दास 'हिम'
छायाचित्र - विजय कुमार / साभार -संजीव किंकर
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@gmail.com
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